दरअसल ATS को लखनऊ के ठाकुरगंज के इलाके में हाजी कॉलोनी के जिस घर में सैफुल्लाह के छिपे होने की खबर मिली जिसके बाद बिना किसी देरी के 20 कमांडो ने उस घर को घेर लिया, इसके बाद मकान के केयर टेकर अयूब को सैफुल्लाह से बात करके उसे सरेंडर करने को कहा .
अयूब जैसे-कैसे हिम्मत जुटाकर गेट पर पहुंचा और उसने सैफुल्लाह को पुकारा करीब एक मिनट तक अंदर से कोई आवाज़ नही आई, लेकिन अयूब के बार-बार पुकारने में सैफुल्लाह ने अंदर से कहा " मैं बाहर नही आऊंगा, मैं शहादत का जाम पीऊंगा लेकिन सरेंडर नही करूंगा ".
मकान के केयर टेकर से हुई बातचीत में अयूब ने बताया कि वो मकान मलीहाबाद के रहने वाले बादशाह का है जोकि खाड़ी के किसी देश में काम करते है सैफुल्लाह अपने 3 दोस्तों के साथ स्टूडेंट्स बनकर वहां आया था . बादशाह ने बताया कि उसने उन लडको को मकान की चाबी दी थी क्यूंकि उन्होंने बताया था वे कानपुर से यहाँ पढाई करने के लिए आए है .