Friday 7 September 2018

3 दोस्तों की कहानी, रानी की jubaani


Friendship क्या है ???
आपने बहुत सारी दोस्ती की कहानियो के बारे में पढ़ा होगा लेकिन आज हम ऐसी कहानी लेकर आपके सामने आए है जो सबसे हटकर है ...


ये कहानी है 3 ऐसे लोगो की जिनकी मुलाक़ात एक शहर में होती है तीनो की नौकरी एक ऑफिस में लगती है यहाँ से सबकी दोस्ती होती है. एक बंगाली लडकी जिसका नाम परमीत होता है ऑफिस में किसी से बात नहीं करती अपने आप में खोई रहती थी बस अपने काम से मतलब रखती थी ऐसे में उस ऑफिस में एंट्री होती है हिमाचल की एक भोली भाली लडकी की जिसको दिन दुनिया का कुछ नही पता. बस उसे सब लोगो में अच्छाई दिखाई देती थी उसकी सबसे बड़ी कमजोरी भी यही थी कि वह किसी को रोता हुआ या उदास नही देख सकती थी इसलिए अधिकतर लोग उसे धोखा देकर भाग जाते थे. लडकी का नाम साक्षी होता है. साक्षी ऑफिस में एंट्री करती है पहला दिन होता है वह भी परमीत की तरह चुपचाप अपने काम में व्यस्त रहती है 1,2 दिन इसी तरह निकल गए. साक्षी ने एक बात नोटिस की, कि ऑफिस में सभी एक दुसरे के साथ रहते है बात करते है वाशरूम ऑफिस से दूर था इसलिए 2 लडकियाँ एक साथ जाती थी जबकि परमीत और साक्षी दोनों अलग अलग जाती थी. साक्षी ने एक दिन जाकर परमीत को कहा चलो मैं आपके साथ चलती हूँ दोनों साथ गए थोड़ी बहुत बाते हुई दोनों में. परमीत की हिंदी वीक थी लेकिन इंग्लिश बहुत तेज थी जबकि साक्षी की हिंदी बहुत तेज थी और इंग्लिश वीक थी. फिर भी दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी.



अब परमीत ज्यादातर साक्षी के रूम ही रहने लगी. दोनों ड्रिंक करते थे सुबह ऑफिस और रात को पार्टी यही काम था दोनों का. पूरा एक महीना दोनों ने साक्षी के रूम पर इतनी पार्टी की लोगो ने उनकी शिकायत लगा दी. फिर क्या था रूम बदलना पड़ा. इसके बाद परमीत के रूम पर पार्टी करना शुरू हुआ. परमीत और साक्षी ने अपनी पूरी सैलरी पार्टीयो में ही खर्च कर दी थी इस बीच ऑफिस में एंट्री हुई अमन नाम के एक लडके की जोकि पंजाब का रहने वाला था. एक दिन बॉस ने साक्षी और अमन को एक काम दे दिया जो उन्हें मिलकर करना था ऐसे में दोनों को अपने नंबर एक्सचेंज करने भी कहा गया.

अब नंबर आते ही दोनों ने WHTSAPP पर MSG करना शुरू कर दिया. एक दिन ऑफिस में परमीत और साक्षी आपस में बात कर रहे थे कि शाम को पार्टी करते है लेकिन महीने के आखिरी दिन चल रहे थे दोंनो के पास इतने पैसे नही थे कि वे पार्टी कर सके. तब साक्षी ने अमन को मेसेज किया कि वो आज रात को उनके साथ पार्टी करेगा. अमन अकेला ही रहता था बोर हो जाता था उसने झट से हां कर दी. रात को परमीत ने खाना बनाया तबतक अमन पार्टी का सामान ले आया. परमीत की एक आदत जोकि सबसे खराब थी वह थी उसका सिगरेट पीना. वह दिन में सिगरेट की 3 पैकेट अकेले पी जाती थी. जबकि अमन और साक्षी सिगरेट नही पीते थे.


तीनो ने ड्रिंक की अमन को बहुत कम चढती थी इसलिए वो चुपचाप बैठा रहा जबकि साक्षी सबको खुश रखती थी इसलिए उसने सबको नाचने को बोला. अब गाने भी हिमाचली तो पंजाबी लडके और बंगाली लडकी को दिक्कत तो होनी थी लेकिन फिर भी दोनों ने खूब मस्ती की. इसके बाद परमीत का रोना धोना शुरू. जब उसे चढ़ जाती थी तो रोना शुरू कर देती थी. फिर उसे चुप करवाकर तीनो सो गए अगले दिन फिर से ऑफिस गए. इसके बाद कभी-कभार तीनो मिलकर पार्टी करते थे, जबकि परमीत रोजाना दारु पीती थी. तीनो बहुत खुश थे एक दिन अचानक से परमीत से कोई ऐसी गलती हो जाती है कि उसे बॉस ऑफिस से निकाल देता है. 

परमीत जॉब के साथ-साथ वो जगह भी छोड़ देती है अमन भी कुछ दिन बाद जॉब छोड़ देता है साक्षी बेचारी अकेली उन दोनों को याद करती रहती है लेकिन एक दिन तीनो की फिर से बात होती है और वे मिलते है और फिर से पार्टी करते है और अपने पुराने दिनों को याद करके बहुत हंसते है ..


दोस्ती कभी खत्म नही होती है दोस्त भले ही साथ रहे या दूर अगर उनमे प्यार हो तो दूर रहकर भी वे अपनी दोस्ती निभा सकते है


Wednesday 8 March 2017

आतंकी सैफुल्लाह ने कही केयर टेकर से ऐसी बात कि सुनकर सबके होश उड़ गये !


अब तक की सबसे बड़ी खबर के मुताबिक़ बता दें कि राजधानी लखनऊ ठाकुरगंज इलाके में एटीएस का संदिग्ध आतंकियों के साथ एनकाउंटर रात करीब 3 बजे खत्म हुआ एटीएस ने आतंकी सैफुल्लाह को मार गिराया . बताया जा रहा है कि संदिग्ध आतंकी इस्लामिक स्टेट से जुड़ा है सैफुल्लाह जिस मकान में रह रहा था एटीएस ने उसके केयर टेकर से सैफुल्लाह की बात करवाई . इसी बातचीत के दौरान उसने केयर टेकर से एक ऐसी बात कही जिसे सुन वह दंग रह गया .


दरअसल ATS को लखनऊ के ठाकुरगंज के इलाके में हाजी कॉलोनी के जिस घर में सैफुल्लाह के छिपे होने की खबर मिली जिसके बाद बिना किसी देरी के 20 कमांडो ने उस घर को घेर लिया, इसके बाद मकान के केयर टेकर अयूब को सैफुल्लाह से बात करके उसे सरेंडर करने को कहा .

अयूब जैसे-कैसे हिम्मत जुटाकर गेट पर पहुंचा और उसने सैफुल्लाह को पुकारा करीब एक मिनट तक अंदर से कोई आवाज़ नही आई, लेकिन अयूब के बार-बार पुकारने में सैफुल्लाह ने अंदर से कहा " मैं बाहर नही आऊंगा, मैं शहादत का जाम पीऊंगा लेकिन सरेंडर नही करूंगा ".

मकान के केयर टेकर से हुई बातचीत में अयूब ने बताया कि वो मकान मलीहाबाद के रहने वाले बादशाह का है जोकि खाड़ी के किसी देश में काम करते है सैफुल्लाह अपने 3 दोस्तों के साथ स्टूडेंट्स बनकर वहां आया था . बादशाह ने बताया कि उसने उन लडको को मकान की चाबी दी थी क्यूंकि उन्होंने बताया था वे कानपुर से यहाँ पढाई करने के लिए आए है .